CIBIL स्कोर क्या होता है और बिज़नेस लोन के लिए यह क्यों ज़रूरी है?

CIBIL स्कोर

लोन लेकर अपनी ज़रूरतें पूरी करने का चलन नया नहीं है। लोग अपनी ज़रूरतों जैसे बेटी-बेटे की शादी, उनकी पढ़ाई, घर और कार ख़रीदने के लिए लोन लेते हैं। वहीं, कुछ लोग अपना बिज़नेस शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए बिज़नेस लोन (Business loan) लेते हैं। वर्तमान में MSMEs, स्टार्टअप्स, रिटेल विक्रेताओं और निर्माताओं के बीच बिज़नेस लोन लेना आम बात हो गई है। बिज़नेस लोन का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल (Working capital) को पूरा करने के साथ ही बिज़नेस बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें प्लांट और मशीनरी ख़रीदना, कैश फ़्लो (Cash-flow) मैनेज़ करना, कर्मचारियों की ट्रेनिंग और नए कर्मचारियों को काम पर रखना आदि शामिल है। पर्सनल लोन (Personal loan) हो या बिज़नेस लोन (Business loan) हो, सबके लिए CIBIL स्कोर बहुत ज़रूरी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि CIBIL क्या है और बिज़नेस लोन लेने के लिए CIBIL स्कोर क्यों ज़रूरी है।

CIBIL क्या है?

TransUnion CIBIL Limited, भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (Credit information company) है, जिसे आमतौर क्रेडिट ब्यूरो (Credit bureau) के रूप में जाना जाता है। CIBIL का पूरा नाम Credit Information Bureau India Limited है। यह कंपनी लोन और क्रेडिट कार्ड के संबंध में लोगों और फ़ाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (Financial institution) के पेमेंट का रिकॉर्ड इकट्ठा करती है और उसे बनाए रखती है। कंपनी के पास यह रिकॉर्ड, बैंक और दूसरे लोन देने वाली संस्थाओं द्वारा हर महीने सबमिट किए जाते हैं। इसी जानकारी से किसी व्यक्ति और बिज़नेस का CIBIL स्कोर और रिपोर्ट तैयार किया जाता है, जिससे लोन देने वाले बैंक और संस्था लोन के आवेदनों का मूल्यांकन करते हैं और लोन अप्रूव या रिजेक्ट करते हैं।

उदाहरण:

राम और श्याम दो दोस्त हैं। दोनों अपने जीवन में आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में दोनों बैंक से लोन लेने की योजना बनाते हैं।

जब दोनों लोन के लिए बैंक में अप्लाई करते हैं, तो राम का लोन अप्रूव (Loan approval) हो जाता है, जबकि श्याम का लोन रिजेक्ट (Loan rejection) हो जाता है। श्याम को समझ में नहीं आता है कि उसका लोन रिजेक्ट क्यों हो गया।

जब वह इसके बारे में बैंक मैनेज़र से बात करता है, तब बैंक मैनेज़र उसे समझाता है कि उसका CIBIL स्कोर कम है, इस वजह से उसका लोन रिजेक्ट हो गया। ऐसे में आइए जानते हैं कि लोन पाने के लिए CIBIL स्कोर क्यों ज़रूरी है और कितना CIBIL स्कोर होने पर आसानी से लोन मिल जाता है। 

लोन पाने के लिए CIBIL स्कोर क्यों ज़रूरी है?

किसी भी तरह का लोन लेने के लिए CIBIL स्कोर बहुत ज़रूरी है। CIBIL स्कोर तीन अंकों की संख्या है, जो 300-900 के बीच होती है। 700 से ऊपर के CIBIL स्कोर को अच्छा माना जाता है, जबकि CIBIL स्कोर इससे नीचे होने पर लोन लेने में परेशानी होती है। पर्सनल और बिज़नेस दोनों तरह के लोन के लिए CIBIL स्कोर एक जैसे काम करता है। जब भी कोई व्यक्ति या बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई करता है, तो एप्लिकेशन मिलने के बाद लोन देने वाली संस्था या बैंक सबसे पहले व्यक्ति या बिज़नेस के CIBIL स्कोर की जांच करता है। CIBIL स्कोर कम होने पर लोन एप्लिकेशन को तुरंत रिजेक्ट कर दिया जाता है। वहीं, CIBIL स्कोर सही होने पर लोन देने वाली संस्था या बैंक उसके अन्य डिटेल्स की जांच करता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि CIBIL स्कोर बैंक या अन्य फ़ाइनेंशियल संस्था (Financial institution) के लिए शुरुआती इम्प्रेशन का काम करता है। व्यक्ति या बिज़नेस का CIBIL स्कोर जितना अधिक होता है, उसे लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। 

ख़राब CIBIL स्कोर को कैसे सुधारा जा सकता है?

अगर किसी वजह से आपका या आपके बिज़नेस का CIBIL स्कोर ख़राब हो जाता है, तो अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को अच्छा रखते हुए CIBIL स्कोर को सुधारा जा सकता है। आप अपनी या अपने बिज़नेस की क्रेडिट हिस्ट्री (Credit history) को नीचे दिए गए तरीक़ों को अपनाकर सुधार सकते हैं:

हमेशा लोन की EMI समय पर चुकाएं:

जब भी आप पर्सनल या बिज़नेस लोन (Personal or business loan) लें, उसकी EMI को बैंक द्वारा निर्धारित समय पर ही चुकाएं। लोन की EMI समय पर न चुकाने से व्यक्ति या बिज़नेस पर नकारात्मक (Negative) असर पड़ता है।

ज़्यादा लोन लेने से बचें:

कुछ लोग अपना जीवन लोन के ऊपर ही बिताते हैं। इस वजह से वह हर काम के लिए लोन ले लेते हैं और कई बार चुकाने में देर कर देते हैं। इससे CIBIL स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए ज़्यादा लोन लेने से बचने की सलाह दी जाती है।

सिक्योर और अनसिक्योर लोन का स्वस्थ मेल बनाकर रखें:

क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर रखने के लिए सिक्योर लोन (Secure loan) जैसे: होम लोन (Home loan), ऑटो लोन (Auto loan) और अनसिक्योर लोन (Unsecured loan) जैसे: बिज़नेस लोन (Business loan), पर्सनल लोन (Personal loan), क्रेडिट कार्ड्स (Credit cards) का स्वस्थ मेल (Healthy mix) बनाकर रखना बहुत ज़रूरी होता है। बहुत ज़्यादा अनसिक्योर लोन (Unsecured loan) लेना आपके CIBIL स्कोर को ख़राब कर सकता है।

नए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले सोचें:

अगर आप किसी नए लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो उससे पहले कई बार सोचें। बहुत ज़रूरी होने पर ही नए लोन के लिए अप्लाई करें और ऐसा दिखाएं कि आपको लोन की ज़रूरत तो है, लेकिन इतनी भी नहीं है कि उसके बग़ैर आपका काम नहीं चलेगा।

लोन की गारंटी लेने वाले व्यक्ति को सावधानी से चुनें:

लोन लेते समय लोन की गारंटी (Guaranty of loan) लेने वाले व्यक्ति को सावधानी से चुनें। लोन की गारंटी लेने वाले व्यक्ति द्वारा की गई ग़लतियों का भी आपके CIBIL स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा अगर आप पार्टनरशिप में बिज़नेस चला रहे हैं और उसके लिए लोन ले रहे हैं, तब भी थोड़ी सावधानी बरतें। अगर आपके पार्टनर ने पर्सनल लोन लिया है और उसकी EMI समय पर नहीं चुकाता है, तो उसका बुरा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ सकता है।

हर समय अपनी क्रेडिट हिस्ट्री का रिव्यू करें:

अगर आप चाहते हैं कि आपका लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट न हो, तो हर समय अपने क्रेडिट हिस्ट्री (Credit history) का रिव्यू करते रहें। इससे आपको पता चलेगा कि आपकी किस गलती की वजह से आपका CIBIL स्कोर कम हुआ है और आप उसे कैसे सुधार सकते हैं।

MyMoney इस तरह से करता है बिज़नेस की मदद:

वर्तमान में भारत के MSMEs को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनमें बिज़नेस चलाने और उसे मैनेज़ करने के लिए फ़ाइनेंस (Finance) की समस्या सबसे मुख्य है। ज़्यादातर छोटे बिज़नेस (Small business) अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए बिज़नेस लोन (Business loan) लेते हैं। कुछ को तो बिज़नेस लोन (Business loan) मिल जाता है, जबकि ज़्यादातर छोटे बिज़नेस मालिकों (Small business owners) को बैंक से लोन नहीं मिल पाता है। इस वजह से वह लोन मफ़ियाओं के चक्कर में फ़ंस जाते हैं और छोटे से लोन के लिए बहुत ज़्यादा इंट्रेस्ट (Interest) चुकाते हैं, जिसका बुरा असर उनके बिज़नेस पर पड़ता है। MSMEs की इन्ही परेशानियों और ज़रूरतों को ध्यान में रखकर MyMoney को बनाया गया है। इसकी मदद से छोटे व्यवसायी अपने बिज़नेस के लिए करेंट अकाउंट (Current account) खुलवाने के साथ-साथ बिज़नेस की बिलिंग/इनवॉइसिंग (Billing/Invoicing), अकाउंटिंग (Accounting) को आसानी से मैनेज़ कर सकते हैं। साथ ही बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए उचित रेट पर बिज़नेस लोन (Business loan) भी ले सकते हैं।

MyMoney से बिज़नेस लोन लेने का प्रॉसेस:

अगर आपके पास MyMoney App है, तो आप सीधे App से ही बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अगर आपके पास MyMoney App नहीं है, तो आप GooglePlay Store से App Download करके लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। MyMoney 10,000 रूपये से लेकर 10 लाख रूपये तक का बिज़नेस लोन देता है। 2,00,000 रूपये तक का लोन लेने के लिए व्यवसायी को केवल अपना PAN और Aadhaar card अपलोड करना पड़ता है, जबकि 10 लाख रूपये तक का लोन लेने के लिए व्यवसायी को PAN और Aadhaar card के साथ ही अपने बिज़नेस का करेंट बैंक अकाउंट (Current bank account) लिंक करके बैंक स्टेटमेंट (Bank statement) भी अपलोड करना पड़ता है।

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