बिज़नेस (Business) चलाते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। बिज़नेस छोटा हो या बड़ा सबके लिए फ़ाइनेंस, वित्त या पैसा (Finance) बहुत ज़रूरी होता है। बिना इसके बिज़नेस शुरू करने और उसे चलाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। कई व्यवसायी (Business owner) कुछ पैसे लगाकर बिज़नेस शुरू तो कर देते हैं, लेकिन बाद में कैश फ़्लो (Cash flow) अच्छा न होने की वजह से उसे चलाने में परेशानी होती है। यही वजह है कि विशेषज्ञ, बिज़नेस का कैश फ़्लो (Business cash flow) हमेशा सही रखने की सलाह देते हैं। ऐसे में हम इस ब्लॉग में कैश फ़्लो (Cash flow) क्या होता है और अगर बिज़नेस का कैश फ़्लो ख़राब (Bad cash flow) है, तो उसे कैसे सुधारा जा सकता है, के बारे में बात करेंगे। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें।
कैश फ़्लो क्या होता है?
कैश फ़्लो (Cash flow) को हिंदी में नक़द प्रवाह भी कहा जाता है। किसी भी बिज़नेस में एक निश्चित समय में आने और जाने वाले पैसों (Income and expenses) को कैश फ़्लो (Cash flow) कहा जाता है। हर बिज़नेस में कुछ सामान या सर्विस (Goods or service) बेचकर पैसे आते हैं। कुछ बिज़नेस खुद सामान बनाते हैं, तो सामान बनाने पर भी पैसे खर्च होते हैं। वहीं, कुछ बिज़नेस एक जगह से सामान ख़रीदते हैं और ग्राहकों को बेच देते हैं। ऐसे में सामान ख़रीदने में भी पैसे खर्च होते हैं। इसके साथ ही हर बिज़नेस की कुछ ज़रूरतें होती हैं, जिन्हें पूरा करने में भी पैसे खर्च होते हैं। बिज़नेस की इन ज़रूरतों को जिन पैसों से पूरा किया जाता है, उसे ही कैश फ़्लो (Cash flow) कहा जाता है।
कैश फ़्लो (Cash flow) एक फ़ाइनेंशियल टर्म (Financial term) है। बिज़नेस के कैश फ़्लो (Cash flow) को जानने के लिए कैश फ़्लो स्टेटमेंट (Cash flow statement) का इस्तेमाल किया जाता है। कैश फ़्लो स्टेटमेंट (Cash flow statement) में बिज़नेस/कंपनी या संस्था (Business/company or institution/organization) में आने और जाने वाले पैसों की विस्तृत जानकारी होती है, जिसे आसान तरीक़े से दर्शाया जाता है।
बिज़नेस में पैसों का प्रकार:
छोटे-बड़े हर बिज़नेस में केवल दो तरह के ही पैसे होते हैं-
- आने वाला पैसा (Incoming cash):
बिज़नेस में सभी सोर्स से मिलने वाले पैसों (जैसे- सामान बेचने पर मिलने वाले पैसों, सर्विस देने पर मिलने वाले पैसों, उधारी से मिलने वाले पैसों) को इनकमिंग कैश कहते हैं।
- जाने वाला पैसा (Outgoing cash):
बिज़नेस में किसी भी तरह से खर्च होने वाले पैसों को आउटगोइंग कैश कहा जाता है। इसमें सामान का पैसा, रेंट का पैसा, बिज़नेस लोन का ब्याज़ या किसी तरह की उधारी चुकाने वाला पैसा शामिल होता है।
कैश फ़्लो के प्रकार:
कैश फ़्लो मुख्य रूप से तीन तरह का होता है-
- सकारात्मक कैश फ़्लो (Positive cash flow):
जब बिज़नेस में होने वाले ख़र्चों (Business expenses) से फ़ायदा ज़्यादा (Profit) होता है, तब उसे सकारात्मक कैश फ़्लो कहा जाता है।
- नकारात्मक कैशफ़्लो (Negative cash flow):
जब बिज़नेस में खर्च की अपेक्षा फ़ायदा कम (Loss) होता है, तब उसे नकारात्मक कैश फ़्लो कहा जाता है।
- ब्रेक इवन कैश फ़्लो (Break even cash flow): जब बिज़नेस में न ही घाटा होता है और न ही मुनाफ़ा होता है, उस स्थिति को ब्रेक इवन कैश फ़्लो कहा जाता है।
बिज़नेस के लिए कैश फ़्लो क्यों महत्वपूर्ण है?
आज के आर्थिक युग में कैश यानी पैसा (Cash) कितना महत्वपूर्ण है, यह किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। बिना पैसों के आज कोई भी काम संभव नहीं है। ऐसे में बिना पैसों के बिज़नेस (Business) की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। बिज़नेस छोटा हो या बड़ा, सबको शुरू करने और चलाने के लिए कैश की ज़रूरत पड़ती है। जिस बिज़नेस का कैश फ़्लो (Cash flow of business) जितना सकारात्मक (Positive) होगा, वह उतना ही अच्छे से चलता है और सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है। वहीं, अगर बिज़नेस का कैश फ़्लो नकारात्मक (Negative cash flow of business) होता है, तो वह हमेशा नुक़सान में रहता है और एक दिन बंद हो जाता है।
नए और छोटे बिज़नेस (New and small business) को अक्सर ही पैसों की समस्या (Financial crisis) का सामना करना पड़ता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि नए और छोटे दोनों ही तरह के बिज़नेस के पास रिज़र्व कैश फंड (Reserv cash fund) नहीं होता है। इस वजह से जैसे ही बिज़नेस में पैसों की कमी होती है, बिज़नेस मुसीबत में फ़ंस जाता है। यही वजह है कि बिज़नेस के लिए कैश फ़्लो (Cash flow) बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस पर ही किसी व्यवसाय की सफलता और असफलता निर्भर करती है। हालांकि, कुछ उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर बिज़नेस के ख़राब कैश फ़्लो (Bad cash flow of business) को सुधारा जा सकता है।
बिज़नेस का कैश फ़्लो कैसे सुधारें?
1. ग्राहकों से पेमेंट की शर्तों पर बात करें:
कई बार ज़्यादा सामान बेचने के बाद व्यवसायी खुश हो जाते हैं, लेकिन केवल ज़्यादा सामान बेचकर ही खुश नहीं होना चाहिए। आपको यह भी देखना चाहिए कि जो सामान बेचा गया है, उसका पेमेंट (Payment) भी समय पर मिले। अगर आपके ग्राहक समय पर पेमेंट (Payment on time) नहीं करते हैं और उधारी (Credit) बढ़ती जाती है, तो बिज़नेस का कैश फ़्लो नकारात्मक (Negative cash flow of business) हो जाता है। इसलिए समय पर पेमेंट पाने के लिए अपने ग्राहकों से पेमेंट की शर्तों (Terms of payment) पर बात करें। जैसे ही ग्राहक पेमेंट में देरी करे, आप उन्हें याद दिलाएं। ऐसा करने से समय पर पेमेंट मिल जाएगी और बिज़नेस का कैश फ़्लो (Cash flow) सही रहेगा।
2. ग्राहकों को छूट दें या फ़ाइन लगाएं:
जब भी कोई ग्राहक जल्दी पेमेंट (Payment) करे, तो आप उन्हें कुछ छूट (Discount) दें। इससे वह ग्राहक हर बार जल्दी पेमेंट करेगा। इसके अलावा, जो ग्राहक निर्धारित समय के बाद पेमेंट करें, आप उनके ऊपर फ़ाइन (Fine) लगाएं। फ़ाइन से बचने के लिए शायद वह ग्राहक जल्दी पेमेंट करे। बाद में किसी भी तरह तरह की परेशानी से बचने के लिए आप ये शर्तें इनवॉइस (Invoice) में पहले ही मेंशन कर दें।
3. वेंडर से पेमेंट की शर्तों पर बात करें:
हर व्यवसायी कहीं न कहीं से सामान ख़रीदता है, उसके बाद ही उसे बेचता है। मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस (Manufactoring business) में भी कच्चा माल (Raw material) कहीं और से ही मंगाना पड़ता है। ऐसे में जब भी मंगाए हुए सामान की इनवॉइस आपके पास आए, तुरंत पेमेंट (Payment) करने की बजाय उसकी शर्तों को पढ़ें। अगर इनवॉइस में देर से पेमेंट (Late payment) करने की बात मेंशन हो, तो आप देर से पेमेंट करके अपना कैश (Cash) बचा सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है, तो आप वेंडर से पेमेंट की शर्तों (Terms of payment) पर बात कर सकते हैं। इसके अंतर्गत वेंडर से आप जल्दी पेमेंट करने पर कुछ छूट देने की भी बात कर सकते हैं। इससे आपके पास ज़्यादा कैश बचेगा, जिससे बिज़नेस का कैश फ़्लो (Cahs flow of business) सही रहेगा।
4. अनावश्यक ख़र्चों में कटौती करें:
बिज़नेस चलाते समय कई तरह के ख़र्चों को मैनेज़ (Expense management) करना पड़ता है। बिज़नेस के ये सभी खर्चे कैश फ़्लो (Cash flow) से ही मैनेज़ किए जाते हैं। ऐसे में अगर आप बिज़नेस के अनावश्यक ख़र्चों (Unnecessary expenses) में कटौती करें, तो आपके पास ज़्यादा पैसे बचेंगे, जिससे कैश फ़्लो (Cash flow) अच्छा रहेगा। इसके अंतर्गत आप कम बिकने वाले सामान घटा सकते हैं, अतिरिक्त कर्मचारियों को निकाल सकते हैं, महंगे फोन प्लान या ग़ैर-ज़रूरी सब्सक्रिप्शन्स (Unnecessary subscriptions) को बंद कर सकते हैं।
5. ख़रीदने की बजाय कुछ चीजें लीज़ पर लें:
कोई भी बिज़नेस (Business) शुरू करते समय काफ़ी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कई लोग बिज़नेस में इस्तेमाल होने वाली मशीनें या अन्य सामान पहले ही ख़रीद लेते हैं। यहां तक की कई लोग बिज़नेस शुरू करने के लिए ज़मीन/मकान भी ख़रीद लेते हैं, जिससे काफ़ी पैसे खर्च हो जाते हैं। हालांकि, इससे बचने के लिए आप सब कुछ ख़रीदने की बजाय मशीनें और कुछ सामान लीज़ पर लें। ख़ासतौर से ज़मीन या मकान शुरुआत में लीज़ या रेंट पर ही लें। इससे आपके काफ़ी पैसे बचेंगे और बिज़नेस का कैश फ़्लो (Cash flow) अच्छा रहेगा।
6. अपने कैश फ़्लो पैटर्न का अध्ययन करें:
लगभग सभी बिज़नेस को सकारात्मक और नकारात्मक कैश फ़्लो (Positive and negative cash flow) का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आपको ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। बस समय-समय पर अपने बिज़नेस के कैश फ़्लो पैटर्न (Cahs flow pattern) का अध्ययन करें, जिससे आप कैश फ़्लो (Cash flow) में होने वाले उतार-चढ़ाव को देख पाएंगे और उसे सुधारने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू सकेंगे।
7. कैश फ़्लो पूर्वानुमान (फ़ोरकास्ट) बनाएं रखें:
कैश फ़्लो फ़ोरकास्ट (Cash flow forecast) एक तरह का डॉक्यूमेंट होता है, जो बिज़नेस की आय और ख़र्चों (Income and expenses of business) को एक निर्धारित समय तक दिखाता है। इसे हप्तों, महीने या तिमाही में बांटा जाता है। कैश फ़्लो फ़ोरकास्ट (Cash flow forecast) को देखकर यह पता चलता है कि आपके बिज़नेस अकाउंट (Business account) में कब पैसों की कमी होगी, जिससे आपको ख़र्चों की पेमेंट (Payment of expenses) की योजना बनाने में मदद मिलती है।
ऊपर बताए गए तरीक़ों को अपनाकर हर व्यवसायी (Business owner) अपने बिज़नेस के कैश फ़्लो (Cash flow) को सुधार सकते हैं। इसके अलावा बिज़नेस के कैश फ़्लो को सुधारने के लिए कुछ व्यवसायी लोन (Loan) भी लेते हैं। हालांकि, ज़्यादातर छोटे व्यवसायियों को आसानी से समय पर बिज़नेस लोन (Business loan) नहीं मिल पाता है। अगर किसी बिज़नेस का कैश फ़्लो नकारात्मक (Negative cash flow of business) है, तो उसे जल्द से जल्द सुधारने की ज़रूरत होती है। अगर समय पर बिज़नेस के नकारात्मक कैश फ़्लो (cash flow) को सुधारा नहीं गया, तो उसे बचाने की संभावना कम होती जाती है। ऐसे में आप समझ गए होंगे कि बिज़नेस के नकारात्मक कैश फ़्लो को सुधारने के लिए समय पर बिज़नेस लोन (Business loan) मिलना कितना आवश्यक है।
MyMoney से तुरंत प्राप्त करें बिज़नेस लोन:
MyMoney, MSMEs बिज़नेस की इस परेशानी को दूर करने के लिए उन्हें उचित दर पर 10,000 रूपये से लेकर 10 लाख रूपये तक का बिज़नेस लोन (Business loan) तुरंत प्रदान करता है, जिसे व्यवसायी 6-15 महीने के बीच अपनी सुविधा के अनुसार चुका सकते हैं। लोन अमाउंट बिज़नेस के साइज़ और उसकी योग्यता के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। जिन व्यवसायियों ने अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन (Registration of business) नहीं करवाया है, वह इंडिविजुअल (Individual) के तौर पर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, जिन व्यवसायियों के बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, वह सोल प्रोपराइटरशिप (Sole proprietorship) के तौर पर लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लोन मिलने के बाद व्यवसायी अपने बिज़नेस के कैश फ़्लो को सुधार कर बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं।